सनातन धर्म में वैशाख माह का विशेष महत्व होता है और इस महीने कई बड़े पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस तिथि के दिन लोग गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. लेकिन वैशाख माह की पूर्णिमा को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है कि 22 मई को पूर्णिमा तिथि है या फिर 23 मई को. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि कब है वैशाख माह की पूर्णिमा. क्या है इसका शुभ मुहूर्त .

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 6ः45 से शुरू होकर 23 मई दिन गुरुवार को शाम 7ः22 तक रहेगा. सूर्य उदय तिथि से वैशाख पूर्णिमा 23 मई को होगा और इसी दिन स्नान दान भी होगा.

इतना ही नहीं वैशाख पूर्णिमा पर स्नान दान का समय ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाता है. ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत सुबह 4ः04 से शुरू होकर 4ः45 तक रहेगा. वहीं चंद्रोदय का शुभ मुहूर्त शाम 7ः12 पर रहेगा.

धार्मिक मान्यता के मुताबिक पूर्णिमा तिथि के दिन लोग गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. गरीब असहाय लोगों को दान देते कहा जाता है. ऐसा करने से जीवन में चल रही तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है. साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और धनलाभ होता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन लोग अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा भी करते हैं. साथ ही इस दिन कई धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं. इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था.