ज्येष्ठ के महीने की पहली अपरा एकादशी 2 जून 2024 को है. ये व्रत अपार धन प्राप्ति का वरदान देता है. वहीं ज्येष्ठ माह की दूसरी निर्जला एकादशी 18 जून 2024 है. इस दिन निर्जल व्रत किया जाता है. ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के बीच एकादशी व्रत करना हजारों गायों के दान के बराबर फल प्रदान करता है. 24 मई से ज्येष्ठ महीना की शुरुआत हो चुकी है. आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में अपरा एकादशी और निर्जला एकादशी व्रत 2024 में कब है, नोट करें पूजा मुहूर्त.

ज्येष्ठ माह की एकादशी तिथि की शुरुआत 2 जून, 2024 सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी. और इसका समापन अगले दिन 03 जून, 2024 मध्य रात्रि 02 बजकर 41 मिनट पर होगा. पंचांग को देखते हुए इस साल अपरा एकादशी 2 जून को मनाई जाएगी.

अपरा एकादशी का महत्व
तीनों पुष्करों में स्नान करने से या कार्तिक माह में स्नान करने से अथवा गंगाजी के तट पर पितरों को पिण्डदान करने से जो फल प्राप्त होता है, वही फल अपरा एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है. इसके प्रभाव से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं, दरिद्रता दूर होती है, धन, ऐश्वर्य, कीर्ति मिलती है. इसे अचला एकादशी भी कहा जाता है.

24 एकादशियों का फल देती है एक निर्जला एकादशी
एकादशी का अर्थ है कि व्यक्ति को अपनी 10 इंद्रियों और 1 मन को नियंत्रित करना चाहिए. मन में काम, क्रोध, लोभ आदि के कुविचार नहीं आने देने चाहिए. शास्त्रों में निर्जला एकादशी को सबसे खास माना गया है.
इस एकादशी का व्रत करने वाला सालभर की एकादशियों का पुण्य प्राप्त करता है. जातक को मोक्ष की मिलता है. हालांकि ये एकादशी सबसे कठिन भी है क्योंकि इसमें अन्न के अलावा जल का भी त्याग करना पड़ता है.