धारण करना चाहते हैं कछुए की अंगूठी? जानें नियम और होने वाले फायदे, मां लक्ष्मी का है प्रतीक
आपने कई लोगों को कछुए की अंगूठी पहने हुए देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह केवल फैशन के लिए नहीं है बल्कि इससे व्यक्ति को कई लाभ भी मिल सकते हैं. साथ ही कछुए की अंगूठी पहनते समय किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए. वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में कछुए को बहुत ही शुभ माना जाता है. इसे धन-संपदा से जोड़कर भी देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस अंगूठी को पहनने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी की असीम कृपा की प्राप्ति हो सकती है. जिससे व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता. लेकिन इसे धारण करने से पहले कुछ नियमों का ध्यान रखना भी जरूरी है.
इस संबंध में ज्योतिष सलाहकार आलोक कुमार ने लोकल 18 को बताया कि कछुए की अंगूठी पहनने वाले व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि कछुआ मां लक्ष्मी का प्रतीक है. इसके लिए इसे धारण करने वाले व्यक्ति को इसके नियम अवश्य पालन करना होगा तभी वह उनके जीवन में लाभदायक साबित होगा, उन्होंने बताया कि सबसे पहले इसे पहनने वाले व्यक्ति को सात्विक रहना होगा. सनातन धर्म में जीव हत्या करके खाने का कोई प्रावधान नहीं है तो आप अगर मांसाहारी भोजन नहीं करते है तो आप उसे धारण कर सकते है आपके लिए उत्तम होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप शराब नहीं पीते है तो आप उसे पहन सकते है. आपके लिए अच्छा होगा, साथ ही अगर आप कछुए की अंगूठी को धारण किए हुए है तो सुबह के शौच के जो नित्य कार्य होते है उसे समय अंगूठी को निकाल कर रख दीजिए. चांदी से बनी हुई कछुए की अंगूठी धारण करना ज्यादा लाभदायक माना जाता है. कछुए की अंगूठी धारण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुख आपकी ओर होना चाहिए. इसके साथ ही अंगूठी को सीधे हाथ की अनामिका उंगली यानी मध्यम उंगली में पहनना चाहिए. कछुए को मां लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इस अंगूठी को शुक्रवार के दिन पहनना ज्यादा शुभ माना जाता है. वहीं, उन्होंने आगे बताया कि जिस समय दिन की बेला और रात की बेला मिलन कर रही होती है उस समय कछुए की अंगूठी पहनना लाभदायक होता है.