भोपाल। प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी पर तीखा हमला करते हुए उन्हें गैरजिम्मेदार, फूहड़ और संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन करने वाला नेता करार दिया। अशोकनगर के मुंगावली थाने में एक व्यक्ति को गलतबयानी उकसाने के लिए पटवारी पर मामला दर्ज किया गया है। सारंग ने कहा कि पटवारी ने राजनीतिक लाभ के लिए एक स्क्रिप्टेड ड्रामा रचा और प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमा को ठेस पहुंचाई। मंत्री सारंग ने कहा कि जीतू पटवारी द्वारा स्पीकरफोन पर कलेक्टर से की गई बातचीत पूरी तरह से एक सोची-समझी रणनीति थी, जिसका उद्देश्य मीडिया में सनसनी फैलाना और स्वयं को चर्चा में लाना था। उन्होंने आरोप लगाया कि पटवारी ने गजराज नाम के युवक के मामले को तूल देकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और अफसरशाही को अपमानित करने की कोशिश की। उनको आज का प्रदर्शन टांय टांय फिश हो चुका हैं।

पटवारी मांफी मांगें, अफसरों की गरिमा को ठेस पहुंचाई 

प्रेस वार्ता में विश्वास सारंग ने मांग की कि जीतू पटवारी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने एक प्रशासनिक अधिकारी की पद की गरिमा और व्यक्तिगत मान को ठेस पहुंचाई है। मंत्री ने दो टूक कहा कि सरकार कानून के अनुसार काम करेगी और इस तरह की “चमकाईस वाली राजनीति” बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

"कांग्रेस की ये स्क्रिप्टेड राजनीति नहीं चलेगी"

विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्क्रिप्टेड और सेंसेशनल राजनीति के जरिये प्रदेश में अस्थिरता फैलाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि युवक को मोटरसाइकिल का लालच देकर झूठा बयान दिलवाया गया, जिसके बाद युवक ने खुद एफिडेविट देकर सच्चाई सामने रख दी है। ऐसे में जीतू पटवारी पर FIR के बाद गिरफ्तारी बनती थी, लेकिन वे अधिकारियों को डराने और धमकाने की राजनीति कर रहे हैं।

"संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कांग्रेस की परंपरा"

मंत्री सारंग ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की संवैधानिक संस्थाओं के अपमान करने की परंपरार रही है। सारंग ने कहा कि इंदिरा गांधी ने भय का वातावरण बनाकर नसबंदी कराई, राजीव गांधी ने कोर्ट की अवमानना की, राहुल गांधी ने संसद और कानून का अपमान किया और अब जीतू पटवारी प्रशासन को धमकाकर वही परंपरा दोहरा रहे हैं।

कांग्रेस की गुटबाजी उजागर
 
सारंग ने दावा किया कि अशोक नगर की घटना पर कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने जीतू पटवारी का समर्थन नहीं किया। पटवारी खुद फोन लगाकर नेताओं को बुला रहे थे, लेकिन कांग्रेस की गुटबाजी और अंदरूनी खींचतान के कारण कोई नेता मौके पर नहीं पहुंचा। किसी नेता को अशोकनगर जाने से नहीं रोका गया। उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो कांग्रेस अगले चुनाव में 10 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।