जबलपुर । प्रदेश के जबलपुर की रजा मेटल इंडस्ट्री में बीते महीने हजारों बम मिले थे, जिन्हें सेना की मदद से नष्ट कर दिया गया। हजारों की संख्या में मिले इन बमों और उनके खोल को नष्ट करने में चार दिन का समय लग गया। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड-एनएसजी और नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी-एनआईए की जांच में बम और उनके खोल को जब्त किया गया था। कुछ विस्फोटक का विनिष्टीकरण भी किया गया था, लेकिन विस्फोटक की मात्रा इतनी अधिक थी कि विनिष्टीकरण पूर्ण नहीं हो पा रहा था। विस्फोटक और उसके अवशेष के कारण घटनास्थल असुरक्षित था। सुरक्षा की दृष्टि से शेष विस्फोटकों को ढूंढकर उनके विनिष्टीकरण के लिए जिला प्रशासन की ओर से सेना के मध्य भारत क्षेत्र और सीओडी अधिकारियों से सहयोग मांगा गया था। उसके बाद सेना और सीओडी ने 13 से 16 मई तक घटनास्थल से शेष विस्फोटक के अवशेष को एकत्रित किया। चार दिन तक चली प्रक्रिया में घटनास्थल से मिले हजारों बमों का सुरक्षित तरीके से विनिष्टीकरण किया गया। इससे अब घटनास्थल में नए विस्फोट का अंदेशा समाप्त हो गया है। रजा मेटल इंडस्ट्री का संचालक फरार हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम का बेटा फहीम है। यहीं पर शमीम का कबाड़खाना भी था, जिसमें बड़े धमाके बाद जांच में कई प्रतिबंधित विस्फोटक मिले थे। अधारताल पुलिस ने घटना के बाद फहीम और कबाड़ के व्यापार में उनके साझेदार सुल्तान के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध किया है। पुलिस ने फरार शमीम को गिरफ्तार करने के लिए 15 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया है। कबाड़खाने में मिले विस्फोटक के विनिष्टीकरण की 13 मई से आरंभ हुई प्रक्रिया गुरुवार तक चली। सेना के अधिकारियों की उपस्थिति में सीओडी की टीम ने खमरिया स्थित विस्फोटक विनिष्टीकरण मैदान में घटनास्थल से जब्त किए गए बमों को नष्ट किया। इस दौरान ढाई से तीन हजार बम और उनके खोलों को नष्ट किया गया है। नागपुर-रीवा बायपास में हिस्ट्रीशीटर अपराधी शमीम कबाड़ी के कबाड़खाने में 25 अप्रैल को विस्फोट हुआ था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि लगभग दस हजार वर्गफीट में फैला पूरा कबाडख़ाना ढ़ह गया था। आसपास 10 किलोमीटर तक का क्षेत्र धमाके की गूंज से थर्ररा गया था। कबाड़खाने में काम कर रहे दो मजदूर के चिथड़े उड़ गए थे। इसमें एक ही मजदूर खलील के मांस के टुकड़े की डीएनए जांच में पुष्टि हुई है। एक अन्य मजदूर भोपाल के मांस के टुकड़े तक नहीं मिले है। पुलिस रिकार्ड में वह अभी भी लापता है। गुरुवार को लेफ्टिनेंट जनरल पी एस शेखावत जीओसी मध्य भारत एरिया ने मौके का निरीक्षण किया। पुलिस और प्रशासन के आग्रह पर मेजर जयदीप के नेतृत्व में सीओडी के बम निरोधक दस्ते का एक दल गठित किया गया। इस दल ने सबसे पहले बायपास स्थित कबाड़खाने का निरीक्षण किया। सघन और सुरक्षित जांच के बाद बम और बम के खोल एकत्रित किए। सूत्रों के अनुसार मौके पर 125 और 30 एमएम के बम और उनके खाली खोल मिले थे। इन्हें बम डिस्पोजल वीकल से खमरिया ले जाया गया। जहां, विशेषज्ञों की दृष्टि में मैदान में विधि अनुसार विस्फोटकों का विनिष्टीकरण किया गया। यह कार्रवाई गुरुवार को समाप्त हो गई।