जयपुर । केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट समुदाय के बीच आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए 7 जनवरी को हुंकार महासभा का आयोजन किया जा रहा है। अधिक से अधिक जाट हुंकार महासभा में लाने के लिए गांव-गांव में नुक्कड़ सभाएं की जा रही हैं। साथ ही पीले चावल देकर हुंकार महासभा में आने का निमंत्रण दिया जा रहा है।
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से आयोजित होने वाली इस हुंकार महासभा में करीब एक लाख लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है। हुंकार महासभा में दूसरे राज्यों के जाट को भी आमंत्रित किया जा रहा है। दरअसल, कुछ दिन पहले आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार के नेतृत्व में समिति सदस्यों की बैठक बुलाई गई थी। संघर्ष समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 7 जनवरी को डीग जिले के जनूथर में जाट समाज द्वारा हुंकार महासभा का आयोजन किया जा रहा है। हुंकार महासभा में जाट आंदोलन की घोषणा करेंगे। जाट सरदारी ने कहा कि उन्हें पहले केंद्र सरकार द्वारा आरक्षण दिया गया था, लेकिन पीएम मोदी की सरकार आने के बाद इसे छीन लिया गया। भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज के साथ अन्याय हो रहा है। राजस्थान में भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाटों को छोडक़र बाकी सभी जिलों के जाट समुदाय के लोगों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल रहा है। उनका कहना है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को अनुशंसा पत्र भेजा था, लेकिन तीन-चार साल से पीएम मोदी की सरकार इस मामले में कोई सुनवाई नहीं कर रही है।