सितंबर के महीने में व्रत त्योहार की धूम रहने वाली है। इस वर्ष सितंबर महीना का आरंभ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि से हो रहा है। इस महीने हरतालिका तीज, गणेश उत्सव, पितृपक्ष सहित कई प्रमुख व्रत त्योहार हैं। सितंबर के महीना व्रत त्योहार के साथ साथ ग्रह गोचर लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। सितंबर के महीने में कई बड़ा व्रत त्योहार हैं। इस महीने कजरी तीज, गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज, पितृ पक्ष जैसे महत्वपूर्ण व्रत त्योहार मनाए जाएंगे।

पिठोरी अमावस्या\ सोमवती अमावस्या
2 सितंबर को पिठोरी अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। इसे कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही 2 सितंबर को सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। इस व्रत संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं। पिठोरी अमावस्या का व्रत करने से व्यक्ति को कार्यों में भी सफलता मिलती है

​हरतालिका तीज, 6 सितंबर 2024
हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है। इस बार हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती हैं। साथ ही इस व्रत को करने से माता पार्वती के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। यह व्रत काफी कठिन होता है। दरअसल, यह व्रत निर्जला रखा जाता है।

कलंक चतुर्थी 7 सितंबर
भाद्रपद मास में आने वाली चतुर्थी का विशेष महत्व है। दरअसल, यह चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इसी दिन से अगले 10 दिनों तक गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है। कलंक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है। इस बार यह कलंक चतुर्थी का व्रत 7 सितंबर को रखा जाएगा।

मुक्ताभरण संतान सप्तमी 10 सितंबर
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मुक्ताभरण संतान सप्तमी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है। यह व्रत संतान प्राप्ति के साथ साथ संतान की रक्षा, संतान की उन्नति के लिए रखा जाता है। इस व्रत के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। मुक्ताभरण संतान सप्तमी का व्रत इस बार 10 सितंबर को रखा जाएगा।

श्री महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ 11 सितंबर
श्री महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन से होती है और यह अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है। इसी दिन इसका समापन होता है। इस बार इस व्रत का आरंभ 11 सितंबर 2024 बुधवार के दिन से होगा और मंगलवार 24 सितंबर तक यह व्रत चलेगा।

श्री राधाष्टमी, 11 सितंबर
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में राधा अष्टमी का विशेष महत्व है। दरअसल, इस दिन राधा रानी का जन्म हुआ था। इस दिन राधा रानी और भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इतना ही नहीं इस व्रत को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस बार राधा अष्टमी का व्रत 11 सितंबर को रखा जाएगा।

अनंत चतुर्दशी व्रत, 17 सितंबर
अनंत चतुर्दशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व है। इस बार अनंत चतुर्दशी का व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा। इसक दिन भगवान अनंत की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनंत सूत्र बाधा जाता है। इस दिन मांस मदिरा का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए।

पितृ पक्ष आरंभ 17 सितंबर 2024
पितृपक्ष प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध 17 सितंबर को है। लेकिन, पितृ पक्ष का आरंभ प्रतिपदा तिथि से माना जाता है। प्रतिपदा तिथि 18 सितंबर को हैं। पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा की जाती है। साथ ही उनका तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। इन दिनों पितर धरती लोक पर आते हैं।