जयपुर । मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शासन सचिवालय में इंडो-पाक सीमा की सुरक्षा के लिए गठित स्टेट लेवल स्टेंडिग कमेटी की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत-पाक अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ और नशीले पदार्थों की तस्करी की सूचना सभी एजेन्सी द्वारा साझा की जाए और आपसी समन्वय स्थापित कर कार्यवाही की जाये। उन्होंने सीमावर्ती जिलों में ड्रोन के माध्यम से तस्करी को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम, डेटा विश्लेषण के लिए एआई उपकरण, और महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के भी निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमियों की बिक्री के मामले में जागरूकता रखी जाए। इसके लिए राजस्व अधिकारियों को सेंसीटाईज़ किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ, पुलिस एवं अन्य एजेन्सियों के बीच समन्वय बैठकें आयोजित की जाएं। उन्होंने सभी सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों को डिस्ट्रिक लेवल स्टेंडिंग कमेटी (डीएलएससी) की बैठक को नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश भी दिए।   पंत ने बैठक में मौजूद जिला अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सीमा सड़कों और भारतमाला-2 परियोजना सड़क पर सीसीटीवी  कैमरों की स्थापना की जाए। उन्होंने मादक द्रव्यों की तस्करी, सिंथेटिक दवाओं का निर्माण, अवैध खनन, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों में चोरी, औद्योगिकीकरण और रिफाइनरी के कारण आपराधिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये।