जयपुर । जैसलमेर जिले में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर चल रहा है इस कारण पेयजल संकट गहरा गया है. इसका असर राष्ट्रीय मरू उद्यान(डीएनपी) पर भी पड़ रहा है गर्मी के मौसम में पानी की कमी के चलते वन्यजीव इधर उधर भटकने को मजबूर हो जाते हैं. इस परेशानी से निबटने के लिए लेकर डीएनपी ने विशेष कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत सभी क्लोजरर्स के अंदर पानी की पर्याप्त व्यवस्था करने के प्रयास शुरू कर दिए गए है।
राज्य पक्षी द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड यानी गोडावण सहित अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सीमांत जैसलमेर जिले में राष्ट्रीय मरु उद्यान बनाया हुआ है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी में वन्य जीवों के हलक तर करने के लिए वन विभाग द्वारा डीएनपी में बने टांकों और होदियों में पानी की व्यवस्था की जा रही है. इससे गोडावण सहित अन्य वन्यजीवों को प्यास के मारे इधर-उधर नहीं भटकना पड़े। डीएनपी का करीब 1900 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जैसलमेर जिले में आता है. ऐसे में क्लोजर के अलावा कई इलाकों में पानी के छोटे छोटे कुंड भी हैं, ताकि वन्य जीव अपनी प्यास बुझा सकें विभाग की टीमें जब गश्त पर निकलती है तो वे इन छोटे कुंडों में पानी भरकर आते है डीएनपी के सभी 75 क्लोजर्स में वन्य जीवों के लिए पानी का बंदोबस्त किया गया है. डीएनपी के अधिकारी आशीष व्यास ने बताया कि इन क्लोजर्स में 60 से ज्यादा वाटर गजलर बने हैं, जिन्हें डीएनपी के कर्मचारी नियमित रूप से पानी से भरवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डीएनपी क्षेत्र में मुख्य तौर पर गोडावण का संरक्षण किया ही जाता है. इसके अलावा भी कई तरह के वन्यजीवों की यहां बसेरा है. इनमें चिंकारा, कई प्रजातियों के गिद्ध, ईगल, नील गाय, इंडियन और मरु लोमड़ी, मोनिटर लिजार्ड और गोह आदि शामिल हैं।