जयपुर। राजस्थान में भजनलाल सरकार अब वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर गंभीरता से काम कर रही है। इसको लेकर बीते दिनों विधानसभा में भी सरकार ने बजट के दौरान इसके संकेत दिए थे। इस बीच यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा का एक बड़ा बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर साफ कहा है कि राजस्थान में यह नियम लागू होकर रहेगा। इस नियम को लागू करने के लिए दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। मंत्री के इस बयान के बाद संकेत मिल रहा है कि आगामी दिनों में राजस्थान में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत ही अब सारे चुनाव होंगे।
राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बजट के दौरान कहा था कि राजस्थान में जल्द ही वन स्टेट वन इलेक्शन लागू होगा। इसको लेकर भजनलाल सरकार के मंत्रियों के बयान सामने आ रहे हैं। राजस्थान में आगामी दिनों में पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव और पंचायत राज के चुनाव होने हैं। इसको लेकर माना जा रहा है कि भजनलाल सरकार इन चुनावों को वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत करवाने की तैयारी कर रही है। मंत्री झाबर सिंह ने कहा कि इस नियम को लागू करने में दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है।
सीकर में आयोजित बीजेपी कार्यसमिति के बैठक में हिस्सा लेने के बाद मंत्री झाबर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। इस बयान के बाद सियासी शुरू हो गई है। राजनीतिक जानकार इस बयान का मतलब निकालने में जुटे हैं। माना जा रहा है कि राजस्थान की जिन पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उनमें से एक भी सीट बीजेपी नहीं जीत रही है।
इनमें देवली, दौसा और झुंझुनू तीनों विधानसभा सीटें कांग्रेस के खाते में रह चुकी हैं। वहीं नागौर जिले की खींवसर और डूंगरपुर की चौरासी विधानसभा सीटें आरएलपी और बाप पार्टी के खाते में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्री का यही इशारा है कि अगर बीजेपी उपचुनाव में हार भी जाती है, तो उसे कोई खास नुकसान नहीं होगा, क्योंकि यह सीटें पहले से ही बीजेपी के खाते में नहीं हैं।