झालावाड़ में यूपीआई ट्रांजैक्शन कर भतीजे ने बुआ को दिया धोखा...
झालावाड़ में बिजली विभाग से रिटायर हुए भवानी मंडी निवासी एक वृद्ध पेंशनर के साथ हुए 5.56 लाख रुपये के फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले का साइबर थाना पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने पीड़ित के सगे भतीजे मनोज शर्मा (23 साल) को गिरफ्तार कर लिया है।
झालावाड़ पुलिस की गिरफ्त में आया मनोज शर्मा भैंसोदा मंडी, थाना भानपुरा, जिला मंदसौर, मध्य प्रदेश निवासी है। पुलिस ने फ्रॉड राशि ट्रांसफर होने वाले सवा दर्जन से ज़्यादा खाते सीज करा दिए हैं। इस फ्रॉड में शामिल इसके एक साथी की तलाश की जा रही है। आरोपियों ने वृद्ध के मोबाइल सिम का दुरुपयोग कर रकम ट्रांसफर कराई थी।
सितम्बर 2022 से जनवरी 2023 के बीच 5.56 लाख रुपये यूपीआई ट्रांजेक्शन से ट्रांसफर
झालावड़ एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि भवानीमण्डी निवासी एक वृद्धा ने 18 मार्च को साइबर थाना झालावाड़ पर रिपोर्ट पेश की थी कि उसके पति शिवनारायण शर्मा विद्युत विभाग से रिटायर हुए थे। उनकी पेंशन का पैसा स्टेट बैंक में जमा होता था। 6 फरवरी को उनकी मौत हो जाने के बाद पड़ोसी को पैसे निकलवाने एटीएम भेजा, तो बैंक खाते में महज 14 हजार रुपये ही थे। बैंक अथॉरिटी ने सितम्बर से जनवरी के बीच 5.56 लाख रुपये विभिन्न यूपीआई ट्रांजेक्शन से ट्रांसफर होना बताया, जबकि उन्होंने कभी नेट बैंकिंग का उपयोग नहीं किया।
अवैध ट्रांजेक्शन भतीजे मनोज शर्मा ने साथी की मदद से किए
पुलिस ने रिपोर्ट पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ के ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड का मुकदमा साइबर पुलिस थाना पर दर्ज किया। प्रकरण को गंभीरता से लेकर एसपी ऋचा तोमर ने खुद के निर्देशन में साइबर थाना की टीम गठित की। टीम ने बैंकों और यूपीआई गेटवे फोन-पे से रिकॉर्ड प्राप्त किया। टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन और एनालिसिस से अवैध ट्रांजेक्शन भतीजे मनोज शर्मा के द्वारा अपने किसी साथी के सहयोग से किया जाना पाया गया। इस पर टीम ने उसको भवानी मंडी से राउंड अप कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से घटना में इस्तेमाल मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है।
सिम का दुरुपयोग कर किया था फ्रॉड
लकवे से पीड़ित शिवनारायण कीपैड वाला मोबाइल फोन रखते थे। आरोपी भतीजे मनोज शर्मा ने बीमारी का नाजायज फायदा उठाकर उनके मोबाइल से सिम निकाल ली और खुद के स्मार्ट फोन में सिम का उपयोग कर यूपीआई एप्लीकेशन "फोन पे" डाउनलोड कर ली। उससे पैसे ट्रांसफर कर वह वापस सिम को उसी मोबाइल में डालकर दे देता। आरोपी ने तीन-चार महीने तक इसी प्रकार विभिन्न बैंक खातों में 5.56 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।