अहमदाबाद | राज्य में हुए निकाय चुनावों के नतीजों को लेकर गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि परिणाम निराशाजनक नहीं, लेकिन चिंताजनक जरूर हैं| शहरी इलाकों में कांग्रेस का संगठन मजबूत करने की जरूरत है| गोहिल ने नगर निगम चुनाव सहित स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह सराहनीय है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों ने भाजपा की कई अलोकतांत्रिक साजिशों के बावजूद बहुत अच्छे से चुनाव लड़ा। हम मानते हैं कि गुजरात के शहरी इलाकों में हमारा संगठन कमजोर था| नगर निगम चुनाव 2018 में हुए थे, तब भले ही कांग्रेस पार्टी के 78 विधायक और सहयोगी पार्टी के 3 विधायक थे, लेकिन 2018 में उन्हीं नगर पालिकाओं में कांग्रेस पार्टी की हालत बहुत खराब थी| लेकिन उन्हीं नगर पालिकओं में कांग्रेस की स्थिति पहले से बेहतर हुई है| उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने के लिए हमने कुछ महीने पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी बनाकर कस्बों में संगठन को संगठित किया था और इसके परिणामस्वरूप ये चुनाव कांग्रेस पार्टी ने बहुत बड़े पैमाने पर लड़ा। जूनागढ़ महानगर पालिका में पिछले चुनाव में कांग्रेस का केवल एक नगरसेवक चुना गया था| जबकि इस बार जूनागढ़ में 11 नगरसेवक चुने गए हैं। उस लिहाज से देखें तो नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक नहीं हैं| कांग्रेस के लिए निराशाजनक बात यह है कि जाफराबाद, लाठी, राजुला समेत कई जगहों पर नगर पालिकाएं स्थानीय नेताओं के दम पर लड़ी जाती हैं| लेकिन अंबरीश डेर, जवाहर चावड़ा, हर्षद रिबडिया आदि नेताओं के चले जाने से उन नगर पालिकाओं में कांग्रेस की हार हुई है। कुछ जगहों पर कांग्रेस लड़ने की बजाय निर्दलियों के साथ चली गई| आंकलाव में कांग्रेस समर्थित पैनल की जीत हुई है| नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक नहीं हैं, लेकिन चिंताजनक जरूर है| कांग्रेस को शहरी क्षेत्र में और मेहनत करने की जरूरत है| यह प्रशंसनीय है कि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार न तो बिके और न ही डरे और कई साजिशों के बावजूद डटकर लड़े|  कुछ जगहों पर भाजपा के दबाव, गुंडागर्दी, सिस्टम के दुरुपयोग और बड़ी रिश्वत के कारण फॉर्म वापस ले लिए गए। हम सभी ने कई जगहों पर भाजपा द्वारा कांग्रेस उम्मीदवारों को खरीदने और डराने-धमकाने के वीडियो देखे हैं|  एआईएमआईएम पार्टी के उम्मीदवारों के फॉर्म भाजपा ने दिए थे| आमतौर पर आमने-सामने दिखने वाली भाजपा और आप चुनाव में एक थे| एआईएमआईएम उम्मीदवारों द्वारा के फॉर्म पेश नहीं किए गए, लेकिन भाजपा ने उसे मान्य करवाया| कांग्रेस में जो कमियां रह गई हैं, उसके लिए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बूथ पेज तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी| कांग्रेस कार्यकर्ता कई मोर्चों पर संघर्ष कर चुके हैं| आगामी 2027 की तैयारी के साथ ही अगले साल होनेवाले स्थानीय चुनावों की तैयारी अभी से शुरू कर देंगे|