जैसलमेर। भारत-पाक सीमा पर स्थित म्याजलार गांव में मिले जिंदा हैंड ग्रेनेड ने एक बार फिर से सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक चरवाहा अपने जानवरों को चराने के लिए गांव से करीब एक किलोमीटर दूर सुनसान इलाके में गया था। अचानक उसकी नजर जमीन पर पड़े एक अजीबोगरीब चीज पर पड़ी। पास जाकर देखने पर पता चला कि यह एक जिंदा हैंड ग्रेनेड है।
चरवाहे ने तुरंत इसकी सूचना ग्रामीणों को दी, जिन्होंने फौरन म्याजलार पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। बाद में, बीएसएफ के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और बम निरोधक दस्ते को सूचित किया गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बम को सुरक्षित तरीके से मिट्टी के कट्टों से ढक दिया है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एक पुलिसकर्मी को वहां तैनात कर दिया गया है। थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इस बम को सुरक्षित रखकर मिट्टी के कट्टों से ढ़क दिया है। साथ ही एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी भी वहां लगा दी है ताकि कोई इसे छूने का प्रयास न करें।
प्रारंभिक जांच में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बम किसी सैन्य अभ्यास के दौरान छूटा होगा। पुलिस ने भारतीय सेना को भी इसकी सूचना दे दी है। बम निरोधक दस्ते के पहुंचने के बाद ही बम को निष्क्रिय किया जा सकेगा।चिंता की बात यह है कि यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। करीब 13 दिन पहले भी म्याजलार गांव से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक चरवाहे को एक एंटी-पर्सनल लैंडमाइन मिली थी। उस समय भी पुलिस और बीएसएफ के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर माइन को रेत के कट्टों से ढक दिया था और दो पुलिसकर्मियों को उसकी निगरानी में तैनात कर दिया था। हालांकि, 13 दिन बाद भी उस माइन को निष्क्रिय नहीं किया जा सका है। अब एक बार फिर से बम मिलने से क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है।