कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय का रविवार को पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। झूठ पकड़ने वाले इस टेस्ट से पहले आरोपी ने इस हत्याकांड के अपने कबूलनामे से पलटते हुए दावा किया कि उसे फंसाया जा रहा है और वह निर्दोष है। संजय रॉय का पॉलिग्राफ टेस्ट शनिवार को किया जाना था, लेकिन तकनीकी और जेल एडमिनिस्ट्रेशन में कुछ व्यवस्था की वजह से इसे टाल दिया गया था जबकि पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और चार अन्य डॉक्टरों समेत छह लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया गया।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि संजय रॉय ने जेल के सुरक्षाकर्मियों से कहा कि उसे दुष्कर्म और हत्या के बारे में कुछ नहीं पता है। शुक्रवार को उसने सियालदह में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अदालत के सामने दावे किए थे। उसने जज से कहा कि उसने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए टेस्ट के लिए सहमति दी थी। वहीं, कोलकाता पुलिस के मुताबिक संजय रॉय ने सरकारी आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की बात कबूल की थी।
सीबीआई और पुलिस ने उसके बयानों में स्पष्ट विसंगतियां पाई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी संजय जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह अपने चेहरे पर लगी चोटों और अपराध के समय इमारत में अपनी मौजूदगी के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सका है। संजय रॉय को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल के सेल नंबर 21 में रखा गया है। वह सेल में अकेला है। उनकी सेल के बाहर कड़ी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पिछले सप्ताह संजय की मनोविश्लेषणात्मक प्रोफाइलिंग में पाया गया कि वह एक विकृत व्यक्ति है और पोर्नोग्राफी का शौकीन है। एक डॉक्टर के हवाले से कहा कि उसके अंदर एक जानवर जैसी प्रवृत्ति है। सीबीआई अधिकारी ने पिछले सप्ताह बताया कि आरोपी संजय ने अपराध के लिए कोई पश्चाताप नहीं है। उसने बिना किसी पश्चाताप के जांच एजेंसी को पूरा अपराध का घटनाक्रम बताया जिससे लग रहा था कि उसे कोई पछतावा नहीं है।