जयपुर । केंद्र के जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 6 से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रही है। राजस्थान में जल जीवन मिशन में हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर ईडी ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेश जोशी और दो ठेकेदारों के घर की तलाशी ली। 
सुबह 6 बजे 6 लोगों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की। ईडी की टीम पूर्व मंत्री महेश जोशी के घर पर जांच कर रही हैं महेश जोशी और उनके परिवार के दो सदस्यों से कुछ फाइलों को लेकर पूछताछ की जा रही है। राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता डॉ किरोड़ीलाल ने पिछले दिनों ईडी को कुछ दस्तावेज सौंपते हुए करीब 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। 
इसके बाद विभाग ने शाहपुरा - कोटपूतली की कुछ ठेकेदार फर्मों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट भी किया था। एफआईआर दर्ज कराने को लेकर मीणा ने अशोक नगर थाने के बाहर धरना भी दिया था। इस मामले उनके साथ पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था से जुड़े डॉ टीएन शर्मा की ओर से एफआईआर का मजमून लिखा गया है। इसमें दावा किया गया है कि वित्त विभाग की आपत्तियों के बावजूद जल जीवन मिशन की गाइड लाइन और आरटीपीपी एक्ट के प्रावधानों को दरकिनार करते हुए सरकार ने टेंडर कर दिए।
एफआईआर के मजमून के मुताबिक जलदाय विभाग ने 6 अक्टूबर 2021 से 24 नवंबर 2022 के बीच 11 विभिन्न कामों के लिए 48 निविदाएं मांगी थीं। इनका मूल्य करीब 20 हजार करोड़ रुपए था। इन सभी निविदाओं में प्री साइट विजिट का प्रावधान रखा गया था। इससे निविदा देने वाली फर्मों को पूलिंग करने का मौका मिल गया। वित्त विभाग ने भी 16 दिसंबर 2022 को एक परिपत्र जारी करके योग्यता की शर्त के रूप में प्री बिड मीटिंग के दौरान साइट विजिट सर्टिफिकेट शामिल करने को गंभीर माना था। इधर हाल में एसीबी ने कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों को पकड़ा भी था।