महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों को बंद के फैसले को गहलोत ने बेतुका बताया
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भजनलाल सरकार स्कूलों को बंद करने के फैसले पर करें पुर्नविचार
जयपुर । पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद कर वापस हिंदी माध्यम की स्कूलों में बदलने की सुगबुगाहट के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की भजनलाल सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं अशोक गहलोत ने इस फैसले को बेतुका और गरीब-मध्यम वर्ग विरोधी बताते हुए इस पर पुनर्विचार करने की मांग भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से की है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, गरीब और मध्यम आयवर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए थे. यदि इन स्कूलों में सुधार की आवश्यकता थी तो वर्तमान सरकार इसमें आवश्यक सुधार करती परंतु अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को पुन: हिंदी माध्यम करना बेतुका एवं गरीब व मध्यम वर्ग के विरोध में लगता है. हिंदी तो हम सभी की मातृभाषा है ही परंतु अंग्रेजी माध्यम बच्चों को रोजगार के नए अवसर देता है. हमारी सरकार ने स्थानीय निवासियों एवं जनप्रतिनिधियों की मांग पर ही अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले थे और इनसे एक अच्छा माहौल तैयार हुआ था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। सरकारी स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने की सुविधा देने के लिए पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले थे. जिला और ब्लॉक स्तर पर स्कूल खोले गए और जरूरत के हिसाब से कई हिंदी माध्यम की स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बदला गया. इसके बाद पांच हजार की आबादी वाले गांवों में भी ऐसी स्कूल खोलने की कांग्रेस सरकार योजना थी।