राजस्थान सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं और सार्वजनिक परीक्षाओं में हो रही धांधलेबाजी, पेपरलीक प्रकरण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।गहलोत सरकार की ओर से नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में स्पेशल टास्क फोर्स (एंटी चीटिंग) का गठन किया जा रहा है।

बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने एसओजी में एंटी चीटिंग स्पेशल टास्क फोर्स बनाने का आदेश देकर राज्य में पेपर लीक रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की है।

पेपर लीक केस को रोकने में मिलेगी मदद

एंटी चीटिंग स्पेशल टास्क फोर्स से पेपर लीक केस की बढ़ती घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। वहीं, इस फैसले से बेरोजगार और मेहनती प्रतिभागियों को न्याय दिलवाया जा सकेगा।साथ ही इस फैसले से परीक्षाओं में पारदर्शिता (transparency) बनी रहेगी। स्पेशल टास्क फोर्स की कार्रवाई से संबंधित प्रकरणों में प्रभावी जांच कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने में सहायता मिलेगी।

स्पेशल टास्क फोर्स में 20 से अधिक पद शामिल

राजस्थान के सीएमओ कार्यालय के द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक एसओजी में एंटी चीटिंग स्पेशल टास्क फोर्स में 20 से अधिक पद शामिल किए जाएंगे।स्पेशल टास्क फोर्स में नए पदों में पुलिस अधीक्षक का एक पद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का एक पद, पुलिस निरीक्षक का एक पद, हेड कांस्टेबल के 5 पद और कांस्टेबल के 20 पद शामिल हैं।

साथ ही कार्यालय ने यह भी बताया कि एसओजी में एंटी चीटिंग स्पेशल टास्क फोर्स पूरी तरह से आधुनिक संसाधनों से भी लैस होगी।

विधानसभा में पेश किया था विधेयक

गहलोत सरकार ने टास्क फोर्स के लिए नए पदों की भर्ती करने और जरूरी संसाधनों के लिए वित्तीय प्रस्ताव को भी पास कर दिया है। मुख्यमंत्री ने पेपर लीक कांड को रोकने के लिए विधानसभ में पेश किए गए बजट 2023-24 में घोषणा की थी।गौरतलब है कि अशोक गहलोत की सरकार ने राजस्थान विधानसभा के सत्र में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम विधेयक, 2022 पारित किया था।

इसमें नकल करने वाले परीक्षार्थियों को जेल की सजा, सार्वजनिक परीक्षाओं से भविष्य के लिए डिबार करने, दोषियों की सम्पत्ति को भी धराशायी करने जैसे कड़े प्रावधान शामिल किए गए थे।