फंड का अब जिले में करना होगा खर्च
भोपाल। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड की राशि की राशि का अब उपयोग अब तक मनमाने तरीके से किया जाता था, जिसकी वजह से स्थानीय स्तर पर विकास के काम तो प्रभावित होते ही है, साथ ही इस फंड का दुरुपयोग भी होता है, लेकिन अब ऐसा करना संभव नही होगा। इसकी वजह है इस फंड के उपयोग को लेकर केन्द्र द्वारा तैयार की गई गाइड लाइन। हालांकि इससे अभी राज्य सरकार सहमत नहीं है। यही वजह है कि इस गाठड लाइन पर फिर से विचार करने को कहा गया है। अब तक सरकारें और अफसर अपने हिसाब से इस फंड को मनमाने तरीके से खर्च करती आ रही हैं। इसकी वजह से जहां से खनिज के एवज में फंड मिलता है वहां स्थिति जस की तस रह जाती है और और दूसरी जगहों पर यह फंड खर्च हो जाता है। नई केन्द्र की गाइडलाइन के मुताबिक अब इस फंड को जिले के अंदर भी केवल खदान से 15 किलोमीटर तक की सीमा में आने वाले अनिवार्य कार्य जैसे पेयजल, शिक्षा आदि काम कराए जा सकेंगे। इसी तरह से खदान के 25 किलोमीटर के दायरे में अधोसंरचना से जुड़े विकास कार्य ही किए जा सकेंगे। इनमें सडक़ आदि के काम यशामि हैं। इसके अलावा इस फंड की राशि का उपयोग राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का प्रावधान किया गया है। केन्द्र द्वारा जारी की गई इस गाइड लाइन से कई राज्य सहमत नहीं है। इसकी वजह है उनकी मनमर्जी पर प्रतिबंध लगना। इसकी वजह से कई राज्यों नेे इस गाइडलाइन में कई विसंगतियां बताते हुए इसमें संशोधन की मांग की है। इसके बाद केन्द्र सरकार ने एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में समिति बना दी है, जो दो माह में राज्यों के सुझावों के आधार पर गाइडलाइन संशोधित कर दोबारा जारी करेगी। दरअसल राज्य चाहते हैं कि जिन जिलों में डीएमएफ राशि अधिक मिलती है, वहां की राशि अन्य जिलों में खर्च किए जाने का प्रावधान किया जाए। अगर प्रदेश की बात की जाए तो सिंगरौली जिले में 800 करोड़ रुपये की राशि एकत्र होती है।
कैग करेगा डीएमएफ का आडिट
डीएमएफ की राशि में भ्रष्टाचार की भी शिकायतें मिलती रही है। अनूपपुर में कृषि विभाग के उप संचालन के विरुद्ध डीएमएफ की राशि में दो करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार के आरोपों की ईओडब्ल्यू जांच कर रहा है। इस तरह की लगातार मिल रही शिकायतों के चलते अब भारत सरकार ने यह तय किया है कि सीए की जगह कैग द्वारा डीएमएफ का आडिट कराया जाएगा। इससे राशि के उपयोग में पारदर्शिता आएगी, साथ ही राशि का कहां और कितना उपयोग किया यह स्पष्ट होगा।
डीएमएफ के खाते में है 7,949 करोड़ रुपये
वर्ष 2015-2016 में डीएमएफ फंड की शुरुआत हुई थी। डीएमएफ के खाते में वर्तमान में 7,949 करोड़ रुपये की राशि जमा है। इस राशि से 17 हजार प्रोजेक्ट में विकास कार्य कराए जा रहे हैं। उच्च प्राथमिकता के पेयजल के 4200 प्रोजेक्ट, पर्यावरण संरक्षण के 1127, स्वास्थ्य सेवा के 738, शिक्षा में 2578, महिला कल्याण के 923, स्किल डेवलपमेंट के 1632 सहित अन्य प्रोजेक्ट है। इसी तरह अन्य प्राथमिकता के कार्यों में अधोसंरचना के 3800, सिंचाई 322, ऊर्जा के 824 सहित अन्य प्रोजेक्ट के विकास कार्य किए जा रहे हैं।