जबलपुर । वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर डॉक्टरों ने जानवरों में गर्भधारण की समस्या को दूर करने के लिए शोध शुरू किया। विशेषज्ञों ने इंसानों की दवा का उपयोग जानवरों में करने की नवीन तकनीकी विकसित की। यह प्रयोग सफल रहा। 
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गायों के बांझपन की समस्या को दूर करते हुए,5 गायों को गर्भवती बनाने में सफलता हासिल की है। 
वेटरनरी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कहा, गाय का पेट कई हिस्सों में होता है। उसके पेट में दवा पहुंचाना आसान काम नहीं था। वैज्ञानिकों ने गाय के रूमन और रेटिकुलम पेट को बाईपास कर आबेशम और ओमेजम पेट के हिस्से तक दवा पहुंचाई गई। यह तरकीब काम कर गई। 
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्षों पूर्व नीला थोथा का प्रयोग बाँझपन दूर करने के लिए होता था। इस आधार पर ह्यूमन दवा का उपयोग पशुओं में करने का फैसला लिया गया। गाय के वजन के अनुसार मात्रा तय की गई। 
इस कार्य में फार्मोकोलॉजी के एचओडी डॉ आरके शर्मा की मदद से डॉक्टर पुष्पेंद्र मरावी, डॉक्टर शामंकर समन, डॉ नितिन बजाज डॉक्टर आदित्य मिश्रा ने मिलकर काम किया। 4 माह में यह असाधारण सफलता दांतों को मिली। विश्वविद्यालय के डॉक्टरों ने कहा, इसके पहले इजरायल में इंजेक्शन से पशुओं के बांझपन को दूर करने पर एक शोध हुआ था। इसके बाद जबलपुर वेटरनरी विश्वविद्यालय ने इस तरीके का शोध किया है।