बंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस सरकार में विभाजन की अफवाहों को खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को पहले अपनी पार्टी को व्यवस्थित करना चाहिए। शिवकुमार ने कहा कि बीजेपी को पहले अपना घर ठीक करना चाहिए। जैसा कि मेरे कुछ मंत्रियों ने कहा है, कई बीजेपी विधायक हमसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहता। बीजेपी टूटे हुए घर की तरह है, जबकि कांग्रेस एकजुट है।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष ने 26 फरवरी को शिवरात्रि उत्सव के दौरान धर्मगुरु जग्गी वासुदेव और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मंच साझा करने के बाद विवाद पैदा हो गया था। कांग्रेस के कई नेताओं ने इस कदम पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि सद्गुरु और शाह ने कांग्रेस पर खुलेआम हमला किया था। इसके बाद पार्टी में आंतरिक कलह की अफवाहें फैलने लगी थी। बीजेपी ने दावा किया कि शिवकुमार कांग्रेस छोड़ सकते हैं और बीजेपी की मदद से वैकल्पिक सरकार बना सकते हैं।
शिवकुमार ने अपने इस फैसले को धार्मिक यात्रा बताते हुए राजनीतिक नहीं होने की बात कही। उन्होंने कहा कि सद्गुरु कर्नाटक के हैं और वे कावेरी जल के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया था। उनका बड़ा अनुयायी वर्ग है और वे महान काम कर रहे हैं। वहां कई राजनीतिक दलों के विधायक और नेता भी थे, इसलिए मैं वहां गया था।
सीएम पद को लेकर शिवकुमार ने बार-बार दिल्ली में पार्टी के नेताओं से यह मांग की है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए। विधानसभा चुनावों के बाद एक शक्ति-विभाजन समझौता हुआ था। हालांकि, सिद्धारमैया खेमे ने ऐसे समझौतों को नकारते हुए दावा किया है कि वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। सीएम के करीब दर्जनों मंत्रियों ने पिछले कुछ हफ्तों में शिवकुमार के दावों पर खुलकर सवाल उठाए हैं। शिवकुमार की तुलना एकनाथ शिंदे से कर्नाटक बीजेपी ने शिवकुमार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से तुलना करते हुए यह कयास लगाए कि वे कांग्रेस में विभाजन उत्पन्न कर सकते हैं। 
विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि कांग्रेस में कई नेता एकनाथ शिंदे की तरह हो सकते हैं। डीके शिवकुमार उनमें से एक हो सकते हैं। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने भी कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह बढ़ने की बात कही है। हालांकि, शिवकुमार ने इन सभी राजनीतिक अफवाहों को निराधार और बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है।