पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की थी। जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध के बाद हज यात्रियों में असमंजस की स्थिति थी कि उनकी उड़ान में देरी हो सकती है या उसे रद्द किया जा सकता है। हालांकि अब अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि श्रीनगर से सऊदी अरब जाने वाली हज उड़ानों का पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए हज यात्रा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। जम्मू-कश्मीर हज कमेटी के अधिकारियों ने कहा है कि राज्य से हज यात्रा की तैयारियां पूरी तरह पटरी पर हैं। पहला बैच उड़ान (एसजी-5304) 4 मई 2025 को श्रीनगर एयरपोर्ट से रवाना होगी। इस उड़ान के लिए यात्रियों को 4 मई को सुबह 5 से 5:30 बजे के बीच श्रीनगर स्थित बेमिना हज हाउस में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।

हज कमेटी ने की यह अपील

हज कमेटी ने यात्रियों से रिपोर्टिंग समय का सख्ती से पालन करने और अपने साथ केवल वैध और स्वीकृत सामान ही लाने की अपील की है। चेक-इन लगेज में एयरलाइंस द्वारा कोई भी प्रतिबंधित वस्तु स्वीकार नहीं की जाएगी। पहले जत्थे में 178 जायरीन भेजे जाएंगे। बाकी उड़ानों का शेड्यूल अलग से जारी किया जाएगा।

कुल कितने लोग करेंगे हज यात्रा

इस साल जम्मू-कश्मीर से 3,600 से ज्यादा लोग सरकारी कोटे के तहत हज यात्रा पर सऊदी अरब जाएंगे। वहीं, हाल ही में सऊदी अरब द्वारा उमराह, टूरिस्ट और विजिट वीजा पर अस्थायी रोक लगाए जाने से कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह कदम हर साल हज से पहले उठाया जाता है ताकि व्यवस्थाएं सुचारू हो सकें। इसका हज यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

अफवाहों पर दी गई यह सलाह

हज कमेटी और प्रशासन ने हज यात्रियों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों या अपुष्ट खबरों पर ध्यान न दें और आधिकारिक स्रोतों के जरिए जारी सूचनाओं पर ही भरोसा करें। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि जम्मू-कश्मीर से हज यात्रा पूरी तरह से सुचारू रूप से संचालित होगी और इसमें किसी तरह की बाधा की कोई संभावना नहीं है।