नकल गिरोह से 15 लाख रुपए में पेपर पढ़ाने का किया सौदा, ब्लूटूथ के जरिए दोनों परिआ की पास

जयपुर: एसओजी द्वारा हाल ही में पकड़ी गई फर्जी महिला एसएचओ मोनिका जाट के बारे में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। झुंझुनूं आने के दौरान मोनिका जाट ने जब अफसरों को पत्र लिखा तो वह शक के घेरे में आ गई और फिर पूरी सच्चाई सामने आ गई। खास बात यह है कि एसआई भर्ती परीक्षा में 34वीं रैंक हासिल करने के बावजूद मोनिका को हिंदी में सही से आवेदन भी नहीं लिखना आता। बताया जाता है कि मोनिका जाट ब्लूटूथ की मदद से नकल कर फर्जी एसएचओ बनी थी। अब एसओजी की जांच में सामने आया है कि मोनिका ने नकल गिरोह के सरगना पौरव कलीर से परीक्षा से पहले पेपर पढ़ाने का 15 लाख रुपए में सौदा किया था। पौरव कलीर ने एसआई भर्ती परीक्षा की दोनों पारियों का पेपर ब्लूटूथ के जरिए मोनिका को पढ़ाया था।
पौरव कलीर की गिरफ्तारी हुई तो भाग गई
बता दें कि सरगना पौरव कलीर की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही मोनिका जाट को मिली, वह राजस्थान पुलिस अकादमी से भाग गई, जो अब एसओजी की हिरासत में है। इस दौरान एसओजी की जांच में सामने आया है कि मोनिका का एसआई भर्ती लिखित परीक्षा केंद्र अजमेर में था। इसके चलते मोनिका को हिंदी विषय में 200 में से 184 अंक और सामान्य ज्ञान विषय में 200 में से 161 अंक मिले। वहीं, जब वह साक्षात्कार के लिए बैठी तो उसे मात्र 15 अंक मिले, जिसके चलते वह सवालों के घेरे में आ गई। बताया जाता है कि प्रशिक्षण के दौरान मोनिका ने 5 जून 2024 से 2 जुलाई 2024 तक मेडिकल लीव ली, लेकिन इसके बाद वह मेडिकल प्रमाण पत्र नहीं दे पाई, जिसके चलते उसकी उपस्थिति संदिग्ध हो गई।
आवेदन लिखा तो निकली कई त्रुटियां
मोनिका ने झुंझुनूं पुलिस लाइन में आमद दर्ज कराने के लिए आवेदन किया तो उसमें कई त्रुटियां पाई गई। 20 लाइन के इस आवेदन में मोनिका ने 13 शब्द गलत लिखे थे। जिसमें इंस्पेक्टर, प्रोबेशनर, दस्तावेज और झुंझुनूं जैसे आसान शब्द भी नहीं लिखे थे।
आमने-सामने होगी पूछताछ
आरोपी महिला थाना प्रभारी मोनिका जाट को एसओजी ने बुधवार को कोर्ट में पेश किया। वहां से मोनिका को पांच दिन के रिमांड पर लिया गया। अब पौरव कलीर से आमने-सामने पूछताछ की जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि कई और खुलासे हो सकते हैं। पौरव जून 2024 से जेल में है।