Israel-Hamas Ceasefire: हमास शनिवार (22 फरवरी) को इजरायल के छह और बंधकों को रिहा करेगा. इसके बदले में इजरायल 600 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई करेगा. इजरायल यह कदम एक गलत पहचान वाले शव की वापसी से उत्पन्न विवाद के बावजूद उठा रहा है, जिसने संघर्ष विराम को पटरी से उतारने की धमकी दी थी.

हमास के अधिकारियों के अनुसार, सीजफायर समझौते के पहले चरण में 33 बंधकों की रिहाई की योजना बनाई गई थी, जिनमें से अंतिम छह बंधक शनिवार को सौंपे जाने की उम्मीद है. इन बंधकों में एलिया कोहेन, ताल शोहम, ओमर शेम तोव, ओमर वेनकर्ट शामिल हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के दौरान हमास के बंदूकधारियों ने पकड़ा था. अन्य दो बंधक हिशाम अल-सईद और अवेरा मेंगिस्टु, जिन्हें एक दशक पहले गाजा में अज्ञात परिस्थितियों में पकड़ लिया गया था.

फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई 

इसके बदले, इजरायल की ओर से 602 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की उम्मीद है. यह लेन-देन की प्रक्रिया कई जटिलताओं के बावजूद जारी है. गुरुवार को इजरायल ने हमास पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जब एक अज्ञात शव सौंपा गया, जिसे बंधक शिरी बिबास के अवशेषों के रूप में लौटाया जाना था.

शवों की गलत पहचान का विवाद 

हमास ने यह दावा किया कि शिरी बिबास के अवशेष इजरायली हवाई हमले के मलबे में मिले अन्य मानव अवशेषों के साथ मिल गए थे. हमास ने शुक्रवार को एक और शव सौंपा, जिसकी पहचान की पुष्टि के लिए इजरायली फोरेंसिक अधिकारी जांच करने की तैयारी कर रहे थे. बिबास परिवार 7 अक्टूबर के हमले के बाद अपहरण कर लिया गया था और उनके अवशेषों की गलत पहचान ने इजरायली जनता में आक्रोश उत्पन्न किया है. 

हमास और इजरायल के आरोप 

इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर शव लौटाने में विफल रहने के लिए पूरी कीमत चुकाने की धमकी दी थी, लेकिन वह संघर्ष विराम से पीछे हटने से बच गए. वहीं, हमास ने भी इजरायल पर गाजा में आवश्यक सहायता आपूर्ति को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया, जिससे संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ.

गाजा में भविष्य की अनिश्चितता 

हमास ने संघर्ष के दौरान इजरायल पर हमला कर 1,200 से अधिक लोगों की हत्या की और 251 बंधकों को ले लिया. इज़रायली अभियान के दौरान, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 48,000 से अधिक लोग मारे गए और अधिकांश क्षेत्र मलबे में तब्दील हो गया, जिससे सैकड़ों हज़ार लोग अस्थायी आश्रयों में रहने को मजबूर हो गए.

गाजा का भविष्य और ट्रंप का प्रस्ताव 

गाजा के भविष्य को लेकर असहमति और भी बढ़ गई है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव के बाद जिसमें उन्होंने गाजा को अमेरिकी नियंत्रण में एक रिसॉर्ट में बदलने की योजना पेश की थी. इस प्रस्ताव ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और असहमति को जन्म दिया है, जिससे संघर्ष विराम के दीर्घकालिक स्थायित्व पर संदेह बना हुआ है.