टेलीग्राम ग्रुप्स में जुड़कर पेपर खरीदने से परीक्षा में फेल होने का खतरा

साइबर फ्रॉड गैंग नकली पेपर बेचकर करती है ठगी
भोपाल। प्रदेश में दसवीं, बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर फर्जी पेपर बेचकर छात्रों के साथ ठगी करने वाले सायबर ठगोरे भी सक्रिय हो गए है। राजधानी भोपाल की सायबर क्राइम ब्रांच पुलिस ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है की कि छात्र किसी भी टेलीग्राम ग्रुप पर बेचे जा रहे पेपर को खरीदने से बचें। सायबर क्राइम ब्रांच के एडीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि परीक्षा के समय साइबर फ्रॉड गैंग भी एक्टिव हो जाती हैं। और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिये नकली पेपर बेचकर पैसो की ठगी करते हैं। इन ग्रुप्स में हजारों लोग जुड़े होते हैं, जिनमें कई छात्र भी शामिल होते हैं। अधिकारियो ने आगे बताया की टेलीग्राम ग्रुप्स में जुड़कर पेपर खरीदने से न केवल परीक्षा में फेल होने का खतरा बढ़ सकता है, बल्कि छात्रों का करियर भी दांव पर लग सकता है। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया के जरिये इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह पर लगातार नजर रखते हुए कार्रवाई की जा रही है। भोपाल साइबर क्राइम के पास कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए फर्जी पेपर बेचने की जानकारी सामने आई है। साइबर टीम ने टेलीग्राम पर सक्रिय एमपी बोर्ड पेपर लीक, सप्लीमेंट्री पेपर लीक, एमपी बोर्ड पेपर लीक 2025, एमपी बोर्ड पेपर लीक 2024-25 और एमपी बोर्ड क्लास 12 पेपर 2025 नाम के
पांच ग्रुप्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ऐसे ग्रप्स पर झांसा दिया जा रहा है, कि हमारे ग्रुप में शामिल होने पर आपको आपकी परीक्षा से संबंधित टॉप 35 प्रश्न देंगे और कुछ टॉप 50 प्रश्न देंगे, जिनमें से 70-80 प्रतीशित आपके पेपर में आएंगे। हमारे ग्रुप में शामिल होने की फीस 350 रुपए है। जिसका भुगतान करने पर आपको सुविधा प्रदान की जायेगी। पुलिस ने टेलीग्राम से उनके संबध में जानकारी मांगी है, जिसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। गौरतलब है की पिछले साल भी इस तरह की शिकायतों के आधार पर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साइबर क्राइम अधिकारियों ने छात्रों को समझाइश देते हुए कहा कि वे केवल साल भी लगन और मेहनत से की गई अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें और किसी भी फर्जी टेलीग्राम ग्रुप से न जुड़ें। यदि कोई व्यक्ति इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होता है या ऐसे ग्रुप्स की जानकारी रखता है, तो वह इसकी जानकारी तुरंत ही साइबर क्राइम विभाग को दें।