इंदौर: अब भोपाल के बाद इंदौर में भी खुलेगा AIIMS, विशेष एक्सपर्ट और कई नई तकनिकी सुविधाएं से होगा लेस

इंदौर: भले ही इंदौर मेडिकल हब के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा हो, लेकिन यहां अभी भी एक बड़े और अत्याधुनिक सरकारी अस्पताल की कमी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान सिर्फ एक अस्पताल नहीं है, बल्कि चिकित्सा शिक्षा, शोध और उच्च स्तरीय उपचार का केंद्र है। सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं के साथ-साथ यह लाखों जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनरक्षक भी है। जहां एम्स स्थापित होता है, वहां सरकारी अस्पतालों पर दबाव कम होता है और मरीजों को बेहतर उपचार मिलता है।
ये भी है महत्वपूर्ण
इंदौर के पास पीथमपुर समेत कई इलाकों में फार्मा इंडस्ट्री प्रवेश कर रही है। इंदौर देश का प्रमुख फार्मा हब है, जहां 150 से ज्यादा फार्मा कंपनियां काम कर रही हैं। ऐसे में एम्स की स्थापना से इंदौर में चिकित्सा शोध, फार्मा इंडस्ट्री और चिकित्सा शिक्षा का स्तर बढ़ेगा। यहां स्थानीय बीमारियों पर अध्ययन होगा। चिकित्सा और प्रौद्योगिकी शोध को नई दिशा मिलेगी और फार्मा और बायोटेक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही छात्रों और डॉक्टरों को भी अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी।
बीमारियों के समाधान के लिए होगा शोध
मालवा क्षेत्र में श्वसन, कुपोषण, एनीमिया और किडनी रोग बड़ी समस्या हैं। एम्स में इनका अध्ययन कर उपचार किया जाता है। अभी इनसे पीड़ित मरीज इलाज के लिए गुजरात और दूसरे राज्यों में जाते हैं। अगर एम्स की स्थापना होती है तो इन पर केंद्रित शोध किया जाएगा, जिससे उपचार और रोकथाम के नए मॉडल विकसित होंगे।
मेडिकल छात्रों के लिए बेहतर माहौल
इंदौर में डीएवीवी और आईआईटी इंदौर जैसे शिक्षण संस्थान हैं। एम्स की स्थापना से यहां के मेडिकल, बायोटेक और फार्मा छात्रों को शोध करने के नए अवसर मिलेंगे। एम्स में एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डीएम जैसे कोर्स के साथ ही पीएचडी और मेडिकल रिसर्च प्रोग्राम भी संचालित किए जाते हैं।
एम्स के लाभ
- सस्ती और उन्नत चिकित्सा सुविधाएं
- ओपीडी परामर्श और सस्ती सर्जरी: मात्र 10 से 100 रुपए में उपलब्ध
- मुफ्त या सस्ती दवाएं: सरकार द्वारा अधिकांश जीवन रक्षक दवाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं
- सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं
- अत्याधुनिक उपचार: कैंसर, न्यूरो, कार्डियक, और ऑर्थोपेडिक जैसी बीमारियों के लिए
- चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा
- एम्स की स्थापना से इंदौर में चिकित्सा अनुसंधान और चिकित्सा शिक्षा का स्तर बढ़ेगा
- अनुसंधान और आधुनिक तकनीक के जरिए उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी
इन विभागों में अनुसंधान और आधुनिक तकनीक के जरिए उपचार मुहैया कराया जाएगा
- जनरल मेडिसिन
- कार्डियोलोजी
- ऑर्थोपेडिक्स
- न्यूरोलॉजी
- पीडियाट्रिक्स
- गायनेकोलॉजी
- सर्जरी
- ऑन्कोलॉजी
- नेफ्रोलॉजी
- हेमटोलॉजी
- पल्मोनोलॉजी
- पीडियाट्रिक सर्जरी
- इमरजेंसी मेडिसिन
- डेंटिस्ट्री
- डायग्नोस्टिक पैथोलॉजी
- स्ट्रोक सेंटर