कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा राज्यसभा में उठाया है। इस पर राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि सोनिया गांधी ने शोषितों, वंचितों, पीडि़तों के हक की मांग को संसद में उठाया है।

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 की जातिगत जनगणना को कोरोना के बहाने से टाला गया था, लेकिन आज 4 साल बाद भी जातिगत जनगणना क्यों नहीं हो रही?

यह गरीबों के प्रति उनकी मानसिकता को दर्शा रहा है। जातिगत जनगणना नहीं होने से सबसे ज्यादा नुकसान शोषितो, वंचितों और गरीबों का हो रहा है, देश में करोड़ों ऐसे गरीब लोग है जो सरकारी योजनाओं से वंचित हैं, खासकर खाद्य सुरक्षा योजना से।  

पिछली जातिगत जनगणना वर्ष 2011 के समय जो व्यक्ति 14 साल का था आज वह 28 वर्ष का हो चुका है, लेकिन जनगणना न होने से भाजपा सरकार उसका हक छीन रही है। केंद्र की भाजपा सरकार को जल्द से जल्द जनगणना करानी चाहिए ताकि हर जरूरतमंद को उसका हक और अधिकार मिले।